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हौ एत्तेक बात जब राजा कहलकै / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ एत्तेक बात जब राजा कहलकै
सात सय हँसेरी परबा पोखरिमे ढुकलै
हा भाला बरछी तऽ सजैय
गोली गाठा राजा सजलकै
हा घुपचुप घुपचुप भाला उठैय
खट-खट खट-खट लेगा उठैय
धम धम धम धम चलै हँसेरी
तहि समयमे नरूपिया देवता
मनेमे विचार आय नरूपिया करैय
सुन गै देवौ देवी असामरि
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
केना जान हमरा बँचतै
सेहो सतबरती हमरा मैया हमरा चिन्हलकै।
गै रानीयाँ अँचरा बान्हलकै
बान्हल अँचरामे रहि गेल
आ भँवरा जाल अँचरामे रहि गेल
गै जाति वर के लात मारलकै
सखी बहिन के बात नइ रखलकै
जाति दुसाध नरूपिया देवता
हमरा पर आस लगौलकै
सेहो तऽ मने हमरा की परेखै छै गै।।