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हौ एत्तेक बात जे हजमा बोलै छै / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ एत्तेक बात जे हजमा बोलै छै
तब छौड़ा पलटनियाँ बोलैय।
हा सुन सुन हौ हजमा सुनिलय
तोहर बहनियाँ एलै महिसौथा से
हा सबके खोलि हाजिर कऽ दै छी
हा बेटी कुसमा दिन मनौलकै
राजा दरबी दिन मनलकै।
सब कोइ मिलि कऽ आइ तीसीपुर से जइयौ हय।
हौ दोसर बान्ह अन्हेरबाट के खोलै छै
हा तेसर बान्ह आइ करिकन्हा के खोलै छै
मोतीराम के बान्ह खोलै छै
सब कोई के हाजिर ड्योढ़ी पर केलकै
गरा गरामे हौ मोती मिलै छै
सब तऽ मिलि कऽ तऽ डोलीया हाजिर कऽ लेलकै यौ।।
हौ डोलीया यौ लऽ कऽ महिसौथा चलै छै
हा घड़ी चलै छै पहर बीतै छै
पले घड़ीमे महिसौथा जुमि गेल
हा सब आइ हिलि-मिलि महिसौथामे जुमि गेलै यौ।।
राजा यौ देवता नरूपिया खामिन
हा सती साँमेर के कोहबर घरमे बोली बोलै छै
सुनऽ सुन हौ रानी सुनिलय
कोहबर घरमे यै सती बैठीयौ
राज-पाट मोती के दै छी
आ हमहुँ आइ जतरा बेलकागढ़मे कऽ देलीयै यै
हा एत्तेक कहिके नरूपिया जाइयै
हा बेलकागढ़ के जतरा करै छै
हा नारायण हा इसबर जी
छत्तीस राग के मुरली टेरै छै
बेलकागढ़मे देवता जुमि गेल
छने रहैय बेलकागढ़मे
छने रहैय धौलागिरीमे
छने रहैय सराबागमे
छने रहैय मानिकदहमे
छने रहै छै जहदी घाटमे
एहि ठा से नरूपिया देवता भागल धुरै यौ।