मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हौ किय हौ ऑडर हौ भगिना दै छह
हाट बात हलतिया कहि दे।
एत्तेक बात करिकन्हा सुनै छै
तरबा लहर मँगज पर चढ़लै
गै सुनि लय गै सुनि लय मामी सुनिलय
आ धैरज के बान्हि कऽ तहुँ रखि ले
कोहबर घरमे बैठि जो
जतरा जे बनिब तीसीपुरमे।
भागल जाइ छै तीसीपुरमे।
घड़ी के चललै पहर बीतै छै
पले घड़ी अधपेरिया बीतलै
पले घड़ीमे तीसीपुर जुमि गेल
सभा लागल खड़ेदार ड्योढ़ी पर बैठल
पलटन से जवाब करै छै
किये नाम राजा के लगैय
एत्तेक बात छौड़ा पलटन सुनैय
खड़े यौ डाँट आइ पलटनियाँ डँटै छै
सुन रौ बौआ दिल के वार्त्ता
कतै रहै छै कत बसै छै
कोन रौ कुल के मनुष कहबै छै
तकरो तऽ हलतिया बौआ हमरातऽ बताबियौ यौ...।