हौ जल्दी पकड़ि के रौ चोरबा के लबियौ / मैथिली लोकगीत
हौ जल्दी पकड़ि के रौ चोरबा के लबियौ
हा बान्ह बनिसार जेलमे देबै।
आ छीयै जाति के क्षत्री वंश के।
हौ केना हौ बिआह हम बेटी के करबै।
हा जाति दुसाध घरमे बेटी देबै।
नाम जे बूड़ि जेतै श्यामल सिंह के।
हा चीठीया लिखलबा आय देवता दयबै रौ।।
हौ एत्तेक बात पलटन सब सुनै छै
पीठीया ठोक पलटन सब केलकै
ताबेमे हजमा भागल जाइ छै
हौ गाम बँसबीटा लग हजमा जुमि गेल
गाम कटहरबा हजमा जुमि गेल
ताबे सिरहा मौजे हजमा टपलै
पीठीया ठोक पलटन सब केने छै
गाम हजमा बँसबीटा लग पकड़ि लेलकै यौ।
चाँप चढ़ा के छौड़ा हजमा के बन्हैय
भागल पलटन हजमा के लऽ जाइय।
पले घड़ीमे शमलगढ़मे जुमलै।
हकन बिकन छौड़ा हजमा जे कनैछै यौ।।
बान्ह तऽ जेल घरमे हजमा बान्हलै।
सात दिन हजमा के भऽ गेलै
मने मन विार सती साँमैर कै छै
श्यामलगढ़मे हजमा के पठौलीयै
सात दिन हजमा के बीतलै
अखन तक हजमा आइ घुरि कऽ नइ जखनी अयलै यौ।
कोन समधिया हम भेजबै यौ।