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हौ दादा बटिआ बचवा जोहै छै / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ दादा बटिआ बचवा जोहै छै
कहिया स्वामी पलंग पर अऔतै
गाँजा पीतै मन भरमौतै।
स्वामी दरशन हमहुँ करबैय
तहि असरमे देवता जुमि गेल
हौ बचवा दुअरिया पर देवता जुमि गेल
गाँजा-गाँजा जे दादा कै छै
दौड़कऽ बचवा ड्योढ़ीमे एलै
गाँजा आइ भरि के बचवा जखनी रखने छै।
देवता नरूपिया पलंगिया पर बैठलै
चिलम भरि के गाँजा देलकै
एकहि दम आइ गाँजा पीबै छै
एक्के दममे गाँजा आइ सठलै
हा तबे जवाब नरूपिया दै छै
सुन हय रानीयाँ दिल के वार्त्ता
युग-युग जीय हे सखी बहिनीयाँ
गै चौदह कोशमे पकरिा घुरली
कोइ नै गाँजा दादा के देलकै
तोहरा दुअरिया आय गाँजा आइ पीलीयौ यै।
एक्के चिलम गाँजा आओरी पीयबीते
मारे आशीष हम तोहरा दीतीयै
एत्ते बात जे बचवा सुनै छै
मेदनी फूल हौ गाजा लेटाबै
सोना चिलममे हौ गाजा भरैय
रूपा ठेकरिया बचवा दै छै
अँचड़ा फाड़ि पलीता देलकै
गाँजा पीके देवता मनवाँ भकुआ गेलै हौ
हौ जाहि समयमे देवता गाँजा पीयै छै
खाली कोहबर चन्द्रा के पड़लै
तब जवाब देवी दुर्गा दै छै
सुन हौ डाकू चुहरा सुनिलय
कोहबर घर से हौ देवता भागि गेल
तहि असरमे बेटा सिन्ह जब खनियेऽ
खाली महल चन्द्रा के लगैय।
खाली कोहबर आइ चन्द्रा के पड़ि गेलैय यौ।।
तहि असरमे चुहर सिन्ह फोड़लकै
बीचे महलमे सिन्ह फोड़ै छै
खड़ेदार ड्योढ़ीमे ठहरे
सात सय पलटन पहरा दै छै
तीन सय साठि तिरहुतिया
टेंटीआ फेंटीआ मंगल कीरतिया हौ
गिरबीर सिरबीर बोलै पहरिया
तीन सय साठि तिरहुतिया छौड़ा
घुरि-घुरि पहरा पड़लैय
खाली कोहबर चन्द्रा के पड़ि गेलै हौ
तहि असरमे चुहर बोलै छै
सुन गे सुन देबी देबी असावरि
ड्योढ़ी पर पलटनिया जानै
गै जेहे दुश्मन हमरा नौकरी छोड़ीलकै
आ डाँर के धोती ड्योढ़ीमे छिनलकै
केना के चोरी मैया हम की करबै गै
तहि असरमे दुर्गा कोन काम करै छै
सात पुड़िया नींद छींटै छै
सब पलटनियाँ के जहर लगैलै
नींद जे लगलै छौड़ा पलटनियाँ
रहि-रहि हॉफी ड्योढ़ी पर करै छै
जादू के नींद मैया दुर्गा छींटैय
ठामे-ठाम पलटनियाँ सुतलय।
तहि असरमे डाकू चोरी करै छै यौ।
कोहबर घरमे चुहरा पसि गेल
तखनी कबूल दुर्गा कराबै छै
सुन रौ चुहरा दिल के वार्त्ता
हमरा संगमे सत चुहरा कऽ दे।
जेना-जेना मोन हेतौ तेना-तेना करीहै।
चोरी मन से कोहबरमे करीहै
मन से चोरी चुहरा कोहबरमे करीहै रौ।।
दुर्गा सतमे सत करै छै
सुन गे दुर्गा दिल के वार्त्ता
एक सत दू सत ब्रह्मा बिशुन सत
जे नहि तोहर कहल मैया करतौ
अस्सी कुंडमे चुहरा कुदतै
हमरा नमुआ दुनियाँमे नै चलतै गै।