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हौ राज दुअरे हौ देवता धुरै छै / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ राज दुअरे हौ देवता धुरै छै
हा कोइ नै गाँजा दादा के दै छै
हा चौदह कोश पकरियामे घुरलै
हौ मने मन दादा नरूपिया सोचै छै
हे ईश्वर जी तोरा कहै छी
केहेन हौ यात्रा हमरा छेलै
कोइ नै गाँजा हमरा पीयबै छै
केना के गाँजा हमरा के पीयौबतै यै।।
हौ राज मोरंगमे बचबा बसै छै
बचबा धमिनीयाँ नाम लगै छै
जतरा केने गंगा नरूपिया
अलखरूपी नरूपिया छेलै
जहि दिन बचबा लेलकै
सोइरी घरमे अँचरा बन्हने
हे ईश्वर जी तोरा कहै छी
हा नाम सुनै छी सीरी सलहेस के
बड़ सतबरता देवता लगै छै
कहिया दरशनमा नरूपिया देवता दैतै यौ।