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हौ हाय नारायण हाय ईसबर जी / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हौ हाय नारायण हाय ईसबर जी
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
सुन सुन सुन मैया दुर्गा कहै छी
बारह बरिस मैया पूजा केलीयै
गै माघ महीना हम नहेलियै
राज पकरिया कंचनगढ़मे घर लगै छै
पिता नाम कुलहेसर छीयै
ओकरे जाँघि जनमल हौ रानी चन्द्रा लगै छी
जइ दिन जनम हम लेलीयै
सोइरीये घरमे अँचरा बन्हलीयै
राज पकरिया कंचनगढ़मे
कहिया दरशनमा हमरा स्वामी जी के हयतै गै।।-2
हय कहिया दरशनमा दुर्गा हयतै
हा स्वामी पर धैरजबा हम बन्हलीयै
शनि-रवि पबनी बरमहल टेकलियै
एकादशी हरि पाबनि केलीयै
नित जल तुलसीमे ढ़ारली
गै आठ पहर अठबारे केलीयै
माघ महीना कोशी नहेलियै
कोशिकामे एकटंगा देलीयै
सवा पहर दिन उठै बेरमे
दीनानाथ के हाथ उठौलीयै
कहिया दरशनमा हमरा नरूपिया संगे हयतै गै।।