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७२० / २५० असलहों का कारीगर-4 / अनिल पुष्कर
Kavita Kosh से
दर्ज हुआ
हत्यारे का कहा --
नई सोच नई उम्मीद
मैं देश नहीं झुकने दूँगा
नफ़ीस कवि, संगीतकार, कलाकार और अन्य
क़दमताल मिलाने की ख़ातिर
शान्ति का मसीहा कहकर बरसा रहे हैं फूल
शंखनाद के साथ
नई महाभारत कथा का आरम्भ
जिरह करने वाले माफ़ न किए जाएँगे
दुआ माँगने वाले नहीं बख़्शे जाएँगे
चुपचाप सहन करने वाले मारे जाएँगे ।
हर हत्या के बाद राजधर्म का अनुसरण किए हुए
हत्यारा आगे बढ़ रहा है ।
उसे दम्भ है इस अश्वमेघ यज्ञ पर ।