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‘किट्टू’ के लिए / नील कमल
Kavita Kosh से
सपनों की उम्र
लंबी हो गई
ज़िन्दगी
छोटी होने का ग़म नहीं
सपनों का अंकुर फूटा है
रोशनी की फ़सल आँखों में
तैरने लगी है
इस रोशनी का नाम
‘किट्टू’ होना चाहिए ।