भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

‘बैस्ट’ इलाज / बालकृष्ण गर्ग

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बंदर मामा थे बीमार,
जादा लगकर चढ़ा बुखार।
कंबल ओढ़े सुस्त, उदास-
पहुँच गए डाक्टर के पास।

डाक्टर बोला- ‘लगे न ठंड,
उछल-कूद तुम कर दो बंद।
करो सात दिन बिल्कुल ‘रैस्ट’
यही इलाज तुम्हारा ‘बैस्ट’।
       [रचना: 22 जून 1998]