भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

’आशा’ पंखों वाली चीज़ है / एमिली डिकिंसन / सुधा तिवारी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

’आशा” पंखों वाली चीज़ है —
जो घोंसला बनाती है रूह के भीतर —
और गुनगुनाती रहती है कोई निःशब्द धुन
अविरल - हरदम —
बेहद मीठी - लगती है - झंझावातों में जो —
जाने कितने पथिकों को गर्म रखने वाले —

इस नन्हें पंछी को चुप करा देने वाला
वह तूफ़ान कतई नाराज़ रहा होगा —
सुना हैं मैंने इन्हें बेहद ठण्डे प्रदेशों में
और बेहद अज़नबी समन्दरों पे —
पर — किसी भी — प्रतिकूलता में इसने
चाहा नहीं एक क़तरा भी — मेरा ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुधा तिवारी

और अब पढ़िए कविता मूल अँग्रेज़ी में
                 Emily Dickinson
     “Hope” is the thing with feathers

“Hope” is the thing with feathers—
That perches in the soul—
And sings the tune without the words—
And never stops - at all—

And sweetest— in the Gale— is heard—
And sore must be the storm—
That could abash the little Bird
That kept so many warm—
I’ve heard it in the chillest land—
And on the strangest Sea—
Yet— never— in Extremity,
It asked a crumb— of me.