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191 / हीर / वारिस शाह
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लाल लुंगियां अते मताअ लाचे नाल रेशम खेस सलारियां ने
माणक चौंक पटामलां डोरिए सन बूंदा होर पंजदानियां सारियां ने
चोंप छैला ते चार सुतये सन चंदा मोरां दे बान्हणू<ref>बारीक मलमल के दुपट्टे</ref> कारियां ने
सालू तीहरे चादरां बाफते दीयां नाल भोशनां दे फुलकारियां ने
वारस शाह चिकनी सिरोपाउ खासे ते पाष्ठाकियां मिलदया भारियां ने
शब्दार्थ
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