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294 / हीर / वारिस शाह
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रब्ब झूठ ना करे जे होये रांझा तां मैं चैड़ होई मैनूं पटया सू
होया चाक पिंडे मली खाक रांझे लाह नंग नामूस नूं सुटया सू
बुकल विच चोरी चोरी हीर रोवे घड़ा नीर दा चा उलटया सू
वारस शाह इस इशक दे वनज विचों जफर जाल की खटयां वटया सू
शब्दार्थ
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