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426 / हीर / वारिस शाह
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दोहां वट लंगोटड़े लई मुहली कारे वेख लौ मुंडयां मोहनियां दे
निकल झट<ref>झपटना</ref> कीता सहती रावले ते दासे भनयों ने नाल थोहनियां दे
जट मार मधानियां पीह सटया भनया नाल दुध दोहनियां<ref>चाटा</ref> दे
नवाब हुसैन खां दे जिवें नाल लड़या वूसमंद<ref>लाहौर का सूबेदार</ref> हैसी विच चूहनियां<ref>एक जगह का नाम</ref> दे
शब्दार्थ
<references/>