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50 / हीर / वारिस शाह

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लोकां आखिया मियां तूं कौण हुंना? आणि किस ने अन्न खवालिया ई
तेरी सूरत तां बहुत मलूक दिसे ऐडा जफर<ref>कष्ट</ref> तूं कास नूं जालिया ई
अंग साक तूं छड के नस आयों बुढी माऊं ते बाप नूं गालिया ई
ओहले अखियां दे तैनूं किवें कीता किन्नां दूतियां दा कौल पालिया ई

शब्दार्थ
<references/>