भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

75 / हीर / वारिस शाह

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लायक होय के मामले दस देंदा मुनसिफ<ref>जज</ref> होए वढे फाहे फेड़यां दे
बाही घत के कहीं दी पार लावे हथों कढ देंदा खोज झेड़यां दे
धाड़ा धाड़ दी मोहर दवांवदा ए हुंद पांवदा विच बखेड़यां दे
सभा रही रहुंनी नूं सांभ लयावे अखीं विच रखे वांग हेड़यां<ref>शिकारी</ref> दे
वारस शाह है शेर जवान रांझा पिछे पौंदा ए हाड़यां पेड़यां दे

शब्दार्थ
<references/>