भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दाख पकी तब चोँचौ पकी जब बीन बज्यो बहिरो भयो कानो / अज्ञात कवि (रीतिकाल)" के लिये जानकारी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मूल जानकारी

प्रदर्शित शीर्षकदाख पकी तब चोँचौ पकी जब बीन बज्यो बहिरो भयो कानो / अज्ञात कवि (रीतिकाल)
डिफ़ॉल्ट सॉर्ट कीदाख पकी तब चोँचौ पकी जब बीन बज्यो बहिरो भयो कानो / अज्ञात कवि (रीतिकाल)
पृष्ठ आकार (बाइट्स में)909
पृष्ठ आइ॰डी21979
पृष्ठ सामग्री भाषाहिन्दी (hi)
Page content modelविकिटेक्स्ट
सर्च इंजन बॉट द्वारा अनुक्रमणअनुमतित
दर्शाव की संख्या2,956
इस पृष्ठ को पुनर्निर्देशों की संख्या0
सामग्री पृष्ठों में गिना जाता हैहाँ

पृष्ठ सुरक्षा

संपादनसभी सदस्यों को अनुमति दें
स्थानांतरणसभी सदस्यों को अनुमति दें

सम्पादन इतिहास

पृष्ठ निर्माताअनिल जनविजय (चर्चा | योगदान)
पृष्ठ निर्माण तिथि10:01, 30 जून 2009
नवीनतम सम्पादकDkspoet (चर्चा | योगदान)
नवीनतम सम्पादन तिथि23:16, 1 नवम्बर 2009
संपादन की कुल संख्या2
लेखकों की संख्या2
हाल में हुए सम्पादनों की संख्या (पिछ्ले 91 दिन में)0
हाल ही में लेखकों की संख्या0

पृष्ठ जानकारी

प्रयुक्त साँचे (3)

इस पृष्ठ पर प्रयुक्त साँचे: