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'क़ैसर'-उल जाफ़री से जुड़े हुए पृष्ठ
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देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है / 'क़ैसर'-उल जाफ़री (← कड़ियाँ)
- फिर मिरे सर पे कड़ी धूप की बौछार गिरी / 'क़ैसर'-उल जाफ़री (← कड़ियाँ)
- बस्ती में है वो सन्नाटा जंगल मात लगे / 'क़ैसर'-उल जाफ़री (← कड़ियाँ)
- मैं पिछली रात क्या जाने कहाँ था / 'क़ैसर'-उल जाफ़री (← कड़ियाँ)
- वो एक ख़ेमा-ए-शब जिस का नाम दुनिया था / 'क़ैसर'-उल जाफ़री (← कड़ियाँ)
- मुंतशिर ज़ेहन की सोचों को इकट्ठा कर दो / 'क़ैसर'-उल जाफ़री (← कड़ियाँ)
- मुसाफ़िरों का कभी ए'तिबार मत करना / 'क़ैसर'-उल जाफ़री (← कड़ियाँ)
- शहर-ए-ग़ज़ल में धूल उड़ेगी फ़न बंजर हो जाएगा / 'क़ैसर'-उल जाफ़री (← कड़ियाँ)
- ज़ुल्फ़ घटा बन कर रह जाए आँख कँवल हो जाए / 'क़ैसर'-उल जाफ़री (← कड़ियाँ)