भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

स्नेह-शपथ / भवानीप्रसाद मिश्र

3 bytes removed, मंगलवार को 15:47 बजे
मैं तुम पर इसको मढ़ता हूँ
तुम इसे बिखेरो गेह-गेह ।
है शपथ तुम्हारे तुम्हें करुणाकर की
है शपथ तुम्हें उस नंगे की
जो भीख स्नेह की माँग-माँग
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,345
edits