भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"एक ग्रह है पूरा अकेलेपन का / हालीना पोस्वियातोव्स्का" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=हालीना पोस्वियातोव्स्का |संग्रह= }} [[Category:पोल भ…)
 
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
 
[[Category:पोल भाषा]]
 
[[Category:पोल भाषा]]
 
<Poem>
 
<Poem>
एक नक्षत्र है पूरा अकेलेपन का
+
एक नक्षत्र है पूरा एकाकी
और एक नन्हा रेतकण तेरी हँसी का
+
औ’ एक नन्हा रेतकण तेरी हँसी का
  
 
एक समुद्र है पूरा एकान्त का
 
एक समुद्र है पूरा एकान्त का
और देखरेख तुम्हारी जैसे समुद्र के ऊपर आकाश में  
+
औ’ मेरी यह सेवा तुम्हारी  
भटकी कोई चिड़िया  
+
समुद्र पर आकाश में भटकती कोई चिड़िया  
  
सारा आकाश भरा हुआ है अकेलेपन से
+
सारा आकाश एकाकी है मेरा
और सिर्फ़ एक देवदूत है वहाँ
+
बस्स, एक देवदूत है वहाँ
 
तेरे शब्दों के पंखों पर उड़ता हुआ
 
तेरे शब्दों के पंखों पर उड़ता हुआ
  
 
'''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
 
'''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
 
</poem>
 
</poem>

13:32, 14 दिसम्बर 2010 का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: हालीना पोस्वियातोव्स्का  » एक ग्रह है पूरा अकेलेपन का

एक नक्षत्र है पूरा एकाकी
औ’ एक नन्हा रेतकण तेरी हँसी का

एक समुद्र है पूरा एकान्त का
औ’ मेरी यह सेवा तुम्हारी
समुद्र पर आकाश में भटकती कोई चिड़िया

सारा आकाश एकाकी है मेरा
बस्स, एक देवदूत है वहाँ
तेरे शब्दों के पंखों पर उड़ता हुआ

रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय