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"हम हैं हिन्दू मुसलमान बस / कुमार अनिल" के अवतरणों में अंतर

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<poem>हम हैं हिन्दू मुसलमान बस
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अपनी इतनी है पहचान बस
 
अपनी इतनी है पहचान बस
  

15:07, 31 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण

हम हैं हिन्दू मुसलमान बस
अपनी इतनी है पहचान बस

नफरतें, दंगे, कर्फ्यू, कहर
बस करो अब तो भगवान बस

दर्द, टूटन, घुटन, तिशनगी
तेरे इतने ही अहसान बस

देवता बन के मैं क्या करूं
मुझको रहने दो इन्सान बस

अब चलूँ, तेरी दुनिया में था
चार दिन का मैं मेहमान बस

माफ़ कर अब मुझे जिन्दगी
छोड़ मेरा गरेबान बस