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"तेरा मेरा इक रिश्ता है / कुमार अनिल" के अवतरणों में अंतर

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याद तुम्हारी होगी शायद
 
याद तुम्हारी होगी शायद
घर आँगन महका महका है/>
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घर आँगन महका महका है

08:02, 2 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

तेरा मेरा इक रिश्ता है
मैं प्यासा हूँ, तू दरिया है

दुनिया मुझसे लाख खफा हो
तू ही अब मेरी दुनिया है

मैं हूँ जेठ की तपती धरती
तू रुत की पहली बरखा है

इस दीये की हिम्मत देखो
सूरज के आगे जलता है

याद तुम्हारी होगी शायद
घर आँगन महका महका है