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"नहीं तो आया अब तक मेघ / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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09:53, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
उतरने को आया अषाढ़
नहीं तो आया अब तक मेघ
नहीं तो आए अब तक अनमोल बरसते मोती
नहीं तो आई जाम ढरकाती सुराही
आज भी दिन गया सूखा-सूखा
आसमान को सूखा देखते
रचनाकाल: ३०-०६-१९६१