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"हमको है जीने का दम / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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13:55, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

आप दुःखी हैं
मेरे मन की नदी में नहाकर
और मैं
सुखी हूँ
आपके कैक्टस को
दिल से लगाकर।

क्या खूब हैं आप और हम
आपको है गम
हमको है जीने का दम

रचनाकाल: ११-१०-१९६५