भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"न मरे हैं हम / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …) |
छो ("न मरे हैं हम / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))) |
(कोई अंतर नहीं)
|
14:47, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
न मरे हैं हम
न जिए
बूँद से
बूँद की
लड़ी बने
ओस के
ओस ही
रहे
जहाँ थे
आज भी वहीं हैं
मरे-मरे
रचनाकाल: ०४-०१-१९६८