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"बाँदा की गरमी में नल का पानी / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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15:28, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

टप
टप
टपकता है
खून
जैसे कटी उँगली से
वैसे
टपकता है
टप
टप
टप पानी
नल से
न पियो
न जियो


रचनाकाल: २५-०५-१९६९