भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आँख से हँसो / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …) |
छो ("आँख से हँसो / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:37, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
मैं
पक आया नाज तुम्हारे खेत का,
मुझे काट लो,
रख लो अपने पास,
आँख से हँसो
ओठ से गाओ
नाचो धरती पर पाँवों से
हर्ष मनाओ
मैं
मनभाया नाज तुम्हारे खेत का
रचनाकाल: २०-०६-१९७०