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"गीत ने गूँज पा ली है / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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खट-खट-खट!!
खतरा नहीं
खटका नहीं
मात्र संकेत है सत्य का :
कि डकैत अँधेरा पकड़ गया है
उदार रोशनी का रथ आ रहा है
गरीब चिड़े ने आँखें खोल दी हैं,
व्योम में उड़ने जाना है
नदी ने राह खोज ली है
उसे समुद्र से मिलने जाना है
गीत ने गूँज पा ली है,
गूँज को गूँज से मिलने जाना है।

रचनाकाल: १४-११-१९७०