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"असीम सौंदर्य की एक लहर / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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23:29, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

असीम सौंदर्य की एक लहर,
नदी से नहीं-
समुद्र से नहीं-
देखते-ही-देखते
उमड़ी तुम्हारे शरीर से,
छापकर छा गई
फैल गई मुझ पर।