भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ठाकुरप्रसाद सिंह के आने पर / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)
 
छो ("ठाकुरप्रसाद सिंह के आने पर / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

16:19, 11 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

आज आए
ठाकुरप्रसाद सिंह
मिलकर हुई आकस्मिक
अंतरंगी खुशी
बाग-बाग हो गया दिल
ज्ञात हुआ
आ गया बसंत
मेरे ही मकान में
बिना बुलाए
अब महकते ही रहेंगे भेंट के फूल,
गड़ें चाहे शूल-
उड़े चाहे धूल

रचनाकाल: २७-०७-१९७७