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"मेरे गीतों मेरी ग़ज़लों को रवानी दे दे / चाँद शुक्ला हादियाबादी" के अवतरणों में अंतर

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मेरे गीतों मेरी ग़ज़लों को रवानी दे दे
 
मेरे गीतों मेरी ग़ज़लों को रवानी दे दे
तू मेरी सोच को एहसास का पानी दे दे  
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तू मेरी सोच को एहसास का पानी दे दे
  
मुद्दतों तुझसे मैं बिछड़ा हूँ महब्बत के लिये
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मुद्दतों तरसा हूँ मैं तुझसे मुहब्बत के लिए
ख़वाब मैं आ के मुझे याद पुरानी दे दे  
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ख़्वाब में आके मुझे यादें पुरानी दे दे
  
थक गया गर्दिशे दौराँ से यह जीवन मेरा  
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थक गया गर्दिशे दौराँ से ये जीवन मेरा
 
मेरे रहबर मुझे मंज़िल की निशानी दे दे
 
मेरे रहबर मुझे मंज़िल की निशानी दे दे
  
तेरी आँखों में बिछा रखीं हैं पलकें मैंने  
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तेरी राहों बिछा रक्खी हैं पलकें मैंने
अब इन आँखों को मसर्रत का तू पानी दे दे
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मेरी आँखों को मसर्रत का तू पानी दे दे
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चाँद निकला तो चकोरी ने कहा रो-रो कर
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ओ मेरे चाँद कोई अपनी निशानी दे दे
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"चाँद" निकला तो चकोरी ने कहा रूठे हुए
 
साथ अपने तू मुझे नक़्ले-मकानी दे दे
 
 
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19:14, 21 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

मेरे गीतों मेरी ग़ज़लों को रवानी दे दे
तू मेरी सोच को एहसास का पानी दे दे

मुद्दतों तरसा हूँ मैं तुझसे मुहब्बत के लिए
ख़्वाब में आके मुझे यादें पुरानी दे दे

थक गया गर्दिशे दौराँ से ये जीवन मेरा
मेरे रहबर मुझे मंज़िल की निशानी दे दे

तेरी राहों बिछा रक्खी हैं पलकें मैंने
मेरी आँखों को मसर्रत का तू पानी दे दे

चाँद निकला तो चकोरी ने कहा रो-रो कर
ओ मेरे चाँद कोई अपनी निशानी दे दे