भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ऐ हवा (नज़्म) / चाँद शुक्ला हदियाबादी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चाँद हादियाबादी }} {{KKCatNazm}} <poem> ऐ हवा (नज़्म) ऐ हवा मु…)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:44, 26 जनवरी 2011 के समय का अवतरण


 ऐ हवा (नज़्म)
ऐ हवा मुझको तू आँचल में छुपाकर ले जा
सूखा पत्ता हूँ मुझे साथ उड़ाकर ले जा

शाख़ से कट के तुझे टूट के चाहा मैंने
तू मेरी याद को सीने में छुपाकर ले जा

बंद आँखों में मेरी झाँकते रहना अक्सर
अपनी पलकों में मेरा प्यार सजाकर ले जा

गुनगुनाना तू मेरे शे’र हो जब भी फुर्सत
मेरी ग़ज़लों को तू होंठों पे सजाकर ले जा

साथ क्या लाई हो पूछें तो बताना उनको
अपने माथे पे मेरा प्यार सजा कर ले जा

साथ क्या लाई हो पूछें तो बताना उनको
अपने माथे पे मेरा प्यार सजा कर ले जा

राहे तारीक में ये रोशनी देंगे तुझको
माँग में चाँद सितारों को सजा कर ले जा