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18:05, 1 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
रसूल का यह गीत अधूरा है, आपके पास हो तो इसे पूरा कर दें
धोबिया धोवे धोबी-घाट आली
सत् के साबुन, प्रेम के पानी,
नेह के मटकी में संउनन<ref>पानी, साबुन और कपड़े को मिलाकर मसलना</ref> डाली ।
पाप,पुण्य के धोवे धोबिया,
सत् के घाट पर धोवे धोबिया,
सूखे धरम के डाली ।
धोबिया धोवे धोबी-घाट आली ।
(यह गीत रसूल के 'धोबिया-धोबिनिया' नाटक में शामिल था)
शब्दार्थ
<references/>