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"आई खेलि होरी, कहूँ नवल किसोरी भोरी / पद्माकर" के अवतरणों में अंतर
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बोरी गई रंगन सुगंधन झकोरै है । | बोरी गई रंगन सुगंधन झकोरै है । |
19:25, 15 मार्च 2011 के समय का अवतरण
आई खेलि होरी, कहूँ नवल किसोरी भोरी,
बोरी गई रंगन सुगंधन झकोरै है ।
कहि पदमाकर इकंत चलि चौकि चढ़ि,
हारन के बारन के बंद-फंद छोरै है ॥
घाघरे की घूमनि, उरुन की दुबीचै पारि,
आँगी हू उतारि, सुकुमार मुख मोरै है ।
दंतन अधर दाबि, दूनरि भई सी चाप,
चौवर-पचौवर कै चूनरि निचौरै है ॥