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हमारी कौम ने जो बाग़ सींचे थे लहू देकर
तुम्हारी हद में वो बेसाख़्ता फूले-फले होंगे।होंगे । हमारे पास थोड़े लफ्ज़ हैं कहना बहुत कुछ हैहवन में हाथ औरों के भी मुमकिन है जले होंगे ।
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