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"वसन्त / कुहकी कोयल खड़े पेड़ की देह / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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19:16, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण

फिर मैं आया
अब की बार अधिक बौराया
पहले से ज्यादा फूलों की ढेरी लाया
गाँव-गली में गिरि में वन में
रंग बिरंगा मेरा यौवन नहीं समाया