भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"रुचिर चित्रसारी सघन कुंज में मध्य कुसुम-रावटी राजै / नंददास" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंददास }}{{KKAnthologyGarmi}} Category:पद <poeM> '''(राग विहाग)''' रुचिर च…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:44, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण
(राग विहाग)
रुचिर चित्रसारी सघन कुंज में मध्य कुसुम-रावटी राजै ।
चंदन के रूख चहुँ ओर छवि छाय रहे,
फूलन के अभूषन-बसन, फूलन सिंगार सब साजै ॥
सीयर तहखाने में त्रिविध समीर सीरी,
चंदन के बाग मध चंदन-महल छाजै ।
नंददास प्रिया-प्रियतम नवल जोरि,
बिधना रची बनाय, श्री ब्रजराज विराजै ॥