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"तपन लाग्यौ घाम, परत अति धूप भैया / नंददास" के अवतरणों में अंतर

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(राग सारंग)
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तपन लाग्यौ घाम, परत अति धूप भैया, कहँ छाँह सीतल किन देखो ।
 
तपन लाग्यौ घाम, परत अति धूप भैया, कहँ छाँह सीतल किन देखो ।

22:47, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण

(राग सारंग)

तपन लाग्यौ घाम, परत अति धूप भैया, कहँ छाँह सीतल किन देखो ।
भोजन कूँ भई अबार, लागी है भूख भारी, मेरी ओर तुम पेखो ॥
बर की छैयाँ, दुपहर की बिरियाँ, गैयाँ सिमिट सब ही जहँ आवै ।
’नंददास’ प्रभु कहत सखन सों, यही ठौर मेरे जीय भावै ॥