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"देख, दहलीज़ से काई नहीं जाने वाली / दुष्यंत कुमार" के अवतरणों में अंतर
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देख, दहलीज़ से काई नहीं जाने वाली | देख, दहलीज़ से काई नहीं जाने वाली | ||
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ये ख़तरनाक सचाई नहीं जाने वाली | ये ख़तरनाक सचाई नहीं जाने वाली | ||
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कितना अच्छा है कि साँसों की हवा लगती है | कितना अच्छा है कि साँसों की हवा लगती है | ||
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आग अब उनसे बुझाई नहीं जाने वाली | आग अब उनसे बुझाई नहीं जाने वाली | ||
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मैं समझता हूँ ये खाई नहीं जाने वाली | मैं समझता हूँ ये खाई नहीं जाने वाली | ||
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चीख़ निकली तो है होंठों से मगर मद्धम है | चीख़ निकली तो है होंठों से मगर मद्धम है | ||
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तू परेशान है, तू परेशान न हो | तू परेशान है, तू परेशान न हो | ||
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इन ख़ुदाओं की ख़ुदाई नहीं जाने वाली | इन ख़ुदाओं की ख़ुदाई नहीं जाने वाली | ||
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आज सड़कों पे चले आओ तो दिल बहलेगा | आज सड़कों पे चले आओ तो दिल बहलेगा | ||
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चन्द ग़ज़लों से तन्हाई नहीं जाने वाली | चन्द ग़ज़लों से तन्हाई नहीं जाने वाली | ||
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11:17, 4 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
देख, दहलीज़ से काई नहीं जाने वाली
ये ख़तरनाक सचाई नहीं जाने वाली
कितना अच्छा है कि साँसों की हवा लगती है
आग अब उनसे बुझाई नहीं जाने वाली
एक तालाब-सी भर जाती है हर बारिश में
मैं समझता हूँ ये खाई नहीं जाने वाली
चीख़ निकली तो है होंठों से मगर मद्धम है
बंद कमरों को सुनाई नहीं जाने वाली
तू परेशान है, तू परेशान न हो
इन ख़ुदाओं की ख़ुदाई नहीं जाने वाली
आज सड़कों पे चले आओ तो दिल बहलेगा
चन्द ग़ज़लों से तन्हाई नहीं जाने वाली