भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"रात की तरह मृत्यु / अनीता वर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनीता वर्मा |संग्रह=रोशनी के रास्ते पर / अनीता व...) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=रोशनी के रास्ते पर / अनीता वर्मा | |संग्रह=रोशनी के रास्ते पर / अनीता वर्मा | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKAnthologyDeath}} | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
<Poem> | <Poem> | ||
रात की तरह | रात की तरह |
01:44, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
रात की तरह
मृत्यु की
परछाईं नहीं होती
वह सिर्फ़
हमें आग़ोश में
ले लेती है
हम छटपटाते हैं
सिर धुनते हुए
वापस लौटने को तत्पर
सुरंग के
दूसरे छोर पर
दिखता है एक हल्का प्रकाश
कुछ प्रिय चेहरे गड्ड-मड्ड
हमें
वहीं जाना होता है
बार बार
उन चेहरों का हिस्सा बनने।