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"मौत को पढ़ रही है ज़िन्दगी / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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02:02, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
मौत को पढ़ रही है ज़िन्दगी
जो मर गई है
अमरीकी अनाज पा कर
कर्ज़ का जाज बजा कर
(रचनाकाल : 19.10.1967)