भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मौत हो गई सुबह की / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो ("मौत हो गई सुबह की / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ की देह / केदारनाथ अग्रवाल
 
|संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ की देह / केदारनाथ अग्रवाल
 
}}
 
}}
 +
{{KKAnthologyDeath}}
 
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>

02:05, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

मौत
हो गई
सुबह की
आँख खुलते खुलते
दिन-का-दिन
समाप्त हो गया
सूचना देते-देते

रचनाकाल: ११-०९-१९७०