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"टूट कर आईना लगे है मुझे / ज़िया फ़तेहाबादी" के अवतरणों में अंतर
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टूट कर आईना लगे है मुझे | | टूट कर आईना लगे है मुझे | | ||
वो जो बन्दा ख़ुदा लगे है मुझे | | वो जो बन्दा ख़ुदा लगे है मुझे | | ||
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मैं भले को बुरा कहूँ क्यूँ कर | मैं भले को बुरा कहूँ क्यूँ कर | ||
है बुरा जो भला लगे है मुझे | | है बुरा जो भला लगे है मुझे | | ||
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ठीक ही तो पता बताया था | ठीक ही तो पता बताया था | ||
फिर भी कुछ ढूंढ़ता लगे है मुझे | | फिर भी कुछ ढूंढ़ता लगे है मुझे | | ||
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किसी आँगन में बजती शहनाई | किसी आँगन में बजती शहनाई | ||
क्या बताऊँ कि क्या लगे है मुझे | | क्या बताऊँ कि क्या लगे है मुझे | | ||
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रात भर नाचता नचाता रहा | रात भर नाचता नचाता रहा | ||
वो मेरा साँवला लगे है मुझे | | वो मेरा साँवला लगे है मुझे | | ||
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माँग कर दिल हुआ शिकार ए ख़िरद | माँग कर दिल हुआ शिकार ए ख़िरद | ||
− | ये तो मेरी ख़ता लगे है मुझे | + | ये तो मेरी ख़ता लगे है मुझे | |
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ये जो बैठा है हुजरा ए दिल में | ये जो बैठा है हुजरा ए दिल में | ||
मैं नहीं दूसरा लगे है मुझे | | मैं नहीं दूसरा लगे है मुझे | | ||
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कमसुख़न कमनिगाह कमआमेज़ | कमसुख़न कमनिगाह कमआमेज़ | ||
कोई शायर " ज़िया " लगे है मुझे | | कोई शायर " ज़िया " लगे है मुझे | | ||
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21:01, 10 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
टूट कर आईना लगे है मुझे |
वो जो बन्दा ख़ुदा लगे है मुझे |
मैं भले को बुरा कहूँ क्यूँ कर
है बुरा जो भला लगे है मुझे |
ठीक ही तो पता बताया था
फिर भी कुछ ढूंढ़ता लगे है मुझे |
किसी आँगन में बजती शहनाई
क्या बताऊँ कि क्या लगे है मुझे |
रात भर नाचता नचाता रहा
वो मेरा साँवला लगे है मुझे |
माँग कर दिल हुआ शिकार ए ख़िरद
ये तो मेरी ख़ता लगे है मुझे |
ये जो बैठा है हुजरा ए दिल में
मैं नहीं दूसरा लगे है मुझे |
कमसुख़न कमनिगाह कमआमेज़
कोई शायर " ज़िया " लगे है मुझे |