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"शब ए ग़म है मेरी तारीक बहुत / ज़िया फ़तेहाबादी" के अवतरणों में अंतर
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शब ए ग़म है मेरी तारीक बहुत | | शब ए ग़म है मेरी तारीक बहुत | | ||
हो न हो सुबह है नज़दीक बहुत | | हो न हो सुबह है नज़दीक बहुत | | ||
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उन से मैं दूर हुआ ख़ूब हुआ | उन से मैं दूर हुआ ख़ूब हुआ | ||
आ गए वो मेरे नज़दीक बहुत | | आ गए वो मेरे नज़दीक बहुत | | ||
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ग़म ए जानाँ मेरे दिल से न गया | ग़म ए जानाँ मेरे दिल से न गया | ||
की ग़म ए दहर ने तहरीक बहुत | | की ग़म ए दहर ने तहरीक बहुत | | ||
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मिल गई मर के हयात ए जावेद | मिल गई मर के हयात ए जावेद | ||
तेरे बीमार हुए ठीक बहुत | | तेरे बीमार हुए ठीक बहुत | | ||
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कम से कम हुस्न की रुसवाई में | कम से कम हुस्न की रुसवाई में | ||
थी ग़म ए इश्क़ की तज़हीक बहुत | | थी ग़म ए इश्क़ की तज़हीक बहुत | | ||
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रहनवरदान ए जुनूँ बैठ गए | रहनवरदान ए जुनूँ बैठ गए | ||
− | मंज़िल ए शौक़ थी नज़दीक बहुत | | + | मंज़िल ए शौक़ थी नज़दीक बहुत | |
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ऐ " ज़िया " हम को दर ए साक़ी से | ऐ " ज़िया " हम को दर ए साक़ी से | ||
कम सही फिर भी मिली भीक बहुत | | कम सही फिर भी मिली भीक बहुत | | ||
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12:22, 11 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
शब ए ग़म है मेरी तारीक बहुत |
हो न हो सुबह है नज़दीक बहुत |
उन से मैं दूर हुआ ख़ूब हुआ
आ गए वो मेरे नज़दीक बहुत |
ग़म ए जानाँ मेरे दिल से न गया
की ग़म ए दहर ने तहरीक बहुत |
मिल गई मर के हयात ए जावेद
तेरे बीमार हुए ठीक बहुत |
कम से कम हुस्न की रुसवाई में
थी ग़म ए इश्क़ की तज़हीक बहुत |
रहनवरदान ए जुनूँ बैठ गए
मंज़िल ए शौक़ थी नज़दीक बहुत |
ऐ " ज़िया " हम को दर ए साक़ी से
कम सही फिर भी मिली भीक बहुत |