"मैं बहुत तन्हा रहा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी/ विनय प्रजापति 'नज़र'" के अवतरणों में अंतर
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मैं बहुत तन्हा रहा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी | मैं बहुत तन्हा रहा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी | ||
− | + | हर साँस ग़म पिरोया, बिगैर तेरे ज़िन्दगी | |
− | सब कुछ खोया कुछ न पाया | + | सब कुछ खोया कुछ न पाया तेरी दुनिया में |
− | पल-पल | + | पल-पल हरपल तड़पा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी |
− | आसमाँ ओढ़े बैठी | + | आसमाँ ओढ़े बैठी है तेरे लिए सदी<ref>सौ वर्ष का समय</ref> |
− | + | रोशनी न चन्द्रमा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी | |
बहती रही तेरे ही जानिब, ज़मीं इश्क़ में | बहती रही तेरे ही जानिब, ज़मीं इश्क़ में | ||
− | न’असरकार | + | न’असरकार<ref>जिसका कोई असर न हो</ref> है दुआ, बिगैर तेरे ज़िन्दगी |
हम खिंचे चले जाते हैं किस ओर क्या पता | हम खिंचे चले जाते हैं किस ओर क्या पता | ||
हर तरफ़ नया चेहरा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी | हर तरफ़ नया चेहरा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी | ||
− | ऊदी | + | ऊदी<ref>भीगा</ref> आँखों में नम है एक बीता मौसम |
− | हर साँस | + | हर साँस अटका हुआ, बिगैर तेरे ज़िन्दगी |
− | था बहुत सख़्तजान तेरा यह उम्मीदवार | + | था बहुत सख़्तजान<ref>मजबूत दिल वाला</ref> तेरा यह उम्मीदवार |
− | ‘नज़र’ | + | ‘नज़र’ दर्दख़ाह<ref>दर्द की इच्छा रखने वाला</ref> रहा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी |
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18:43, 16 अप्रैल 2011 का अवतरण
लेखन वर्ष: २००४/२०११
मैं बहुत तन्हा रहा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी
हर साँस ग़म पिरोया, बिगैर तेरे ज़िन्दगी
सब कुछ खोया कुछ न पाया तेरी दुनिया में
पल-पल हरपल तड़पा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी
आसमाँ ओढ़े बैठी है तेरे लिए सदी<ref>सौ वर्ष का समय</ref>
रोशनी न चन्द्रमा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी
बहती रही तेरे ही जानिब, ज़मीं इश्क़ में
न’असरकार<ref>जिसका कोई असर न हो</ref> है दुआ, बिगैर तेरे ज़िन्दगी
हम खिंचे चले जाते हैं किस ओर क्या पता
हर तरफ़ नया चेहरा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी
ऊदी<ref>भीगा</ref> आँखों में नम है एक बीता मौसम
हर साँस अटका हुआ, बिगैर तेरे ज़िन्दगी
था बहुत सख़्तजान<ref>मजबूत दिल वाला</ref> तेरा यह उम्मीदवार
‘नज़र’ दर्दख़ाह<ref>दर्द की इच्छा रखने वाला</ref> रहा, बिगैर तेरे ज़िन्दगी