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"मो मन गिरिधर छबि पै अटक्यो / कृष्णदास" के अवतरणों में अंतर
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20:13, 18 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
मो मन गिरिधर छबि पै अटक्यो।
ललित त्रिभंग चाल पै चलि कै, चिबुक चारु गडि ठठक्यो॥
सजल स्याम घन बरन लीन ह्वै, फिर चित अनत न भटक्यो।
'कृष्णदास किए प्रान निछावर, यह तन जग सिर पटक्यो॥