Changes

रोबोट / किरण अग्रवाल

18 bytes added, 08:36, 14 मई 2011
|संग्रह=गोल-गोल घूमती एक नाव / किरण अग्रवाल
}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>
और एक दिन नींद खुलेगी हमारी
और हम पाऐंगेपाएँगे
कि आसमान नहीं है हमारे सिर के ऊपर
कि प्रयोगशालाओं के भीतर से निकलता है तन्दूरी सूरज
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,747
edits