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"बहुत बड़े देश में / विपिनकुमार अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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01:35, 21 मई 2011 के समय का अवतरण
मैंने
बहुत बड़े देश में
बहुत बड़े वेश में
बहुत बड़े-बड़े लोग देखे
और बड़प्पन का महत्त्व खो दिया ।
(रचनाकाल : 1957)