भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"`दहलीज' चित्र -१/रमा द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna | रचनाकार=रमा द्विवेदी }} <poem> बेटियों के लिए एक दहलीज से, द…)
 
(कोई अंतर नहीं)

06:35, 26 मई 2011 के समय का अवतरण


बेटियों के लिए
एक दहलीज से,
दूसरे दहलीज तक का,
फासला तै करने में,
सदियां बीत जाती हैं,
उस दहलीज को अपना बनाने में
और सच तो यह है कि,
ज़िन्दगी बेमानी सी लगती है
क्योंकि कभी-कभी-
हम उस दहलीज के बन भी नहीं पाते??