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"उसकी थकान / भगवत रावत" के अवतरणों में अंतर

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00:53, 30 जून 2007 के समय का अवतरण


कोई लम्बी कहानी ही

बयान कर सके शायद

उसकी थकान

जो मुझसे

दो बच्चों की दूरी पर

न जाने कब से

क्या-क्या सिलते-सिलते

हाथों में

सुई धागा लिए हुए ही

सो गई है ।